भूमि खरीदना आज के समय में निवेश का एक प्रमुख माध्यम बन गया है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास अपनी जमीन हो, लेकिन सरकार की ओर से समय-समय पर भूमि से जुड़े नियमों में बदलाव होते रहते हैं। वर्ष 2025 में सरकार ने लैंड रजिस्ट्री से जुड़े एक महत्वपूर्ण नियम में बदलाव किया है, जिसका सीधा असर जमीन खरीदने और बेचने वालों पर पड़ेगा।
अब जमीन की रजिस्ट्री करवाने के साथ-साथ यह जरूरी हो गया है कि 30 दिनों के अंदर उसका म्यूटेशन भी करवाया जाए। यदि तय समय में म्यूटेशन नहीं करवाया गया, तो उस रजिस्ट्री को रद्द माना जाएगा। यह नियम खास तौर पर उन मामलों को रोकने के लिए लाया गया है, जहां लोग रजिस्ट्री तो करवा लेते हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में मालिकाना हक का बदलाव नहीं करवाते। इस नई व्यवस्था से सरकारी रिकॉर्ड में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी।
Land Registry Rules 2025
म्यूटेशन का अर्थ है: किसी संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद सरकारी रिकॉर्ड में उस संपत्ति के स्वामित्व का नाम बदलवाना। जब कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है, तो उसके नाम पर रजिस्ट्री होती है, लेकिन म्यूटेशन के जरिए उसका नाम राजस्व रिकॉर्ड यानी भू-अभिलेख में दर्ज किया जाता है।
बिना म्यूटेशन के, सरकार के रिकॉर्ड में अब भी पुराने मालिक का नाम रहता है। इससे बाद में जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद या कानूनी अड़चनें आ सकती हैं। 2025 के नए नियमों के तहत, यदि कोई खरीदार रजिस्ट्री के 30 दिन के भीतर म्यूटेशन नहीं करवाता है, तो रजिस्ट्री खुद-ब-खुद अनुपयोगी मान ली जाएगी।
2025 के नए नियमों के तहत क्या बदलाव हुए हैं?
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और कई अन्य राज्यों में यह नियम लागू किया गया है। केंद्र सरकार भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर रही है और इसी के तहत यह नया बदलाव लाया गया है।
इस नियम के बाद, रजिस्ट्री सिर्फ दस्तावेजी प्रक्रिया नहीं रह जाएगी, बल्कि उसके साथ म्यूटेशन होना अनिवार्य हो गया है। यह नियम उन लोगों की जिम्मेदारी भी तय करता है जो जमीन खरीद रहे हैं।
नीचे तालिका में मुख्य बदलावों की जानकारी दी गई है:
नियम | पहले क्या था | अब क्या है (2025) |
---|---|---|
म्यूटेशन की समयसीमा | कोई तय समय नहीं | 30 दिन में अनिवार्य |
बिना म्यूटेशन की रजिस्ट्री | मान्य मानी जाती थी | अमान्य मानी जाएगी |
सरकारी रिकॉर्ड अपडेट | देरी से होता था | समय पर अपडेट अनिवार्य |
खरीदार की जिम्मेदारी | कभी-कभी ध्यान नहीं देते थे | अब अनिवार्य है |
किन लोगों पर पड़ेगा इसका प्रभाव?
इस नियम का प्रभाव दो तरह के लोगों पर सबसे अधिक होगा – एक, जो पहली बार जमीन खरीद रहे हैं और दूसरे, जो निवेश के रूप में भूमि खरीदते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से लोग रजिस्ट्री तो करवाते हैं लेकिन म्यूटेशन नहीं करवाते, जिससे भविष्य में विरासत या बिक्री के समय दिक्कतें आती हैं। अब उन्हें 30 दिन के अंदर म्यूटेशन करना जरूरी होगा।
शहरी क्षेत्रों में भी प्रॉपर्टी डीलर और खरीददारों को अब दस्तावेज़ों की प्रक्रिया पूरी करने में अधिक जागरूक रहना पड़ेगा।
म्यूटेशन कैसे करवाएं?
म्यूटेशन की प्रक्रिया अब पहले से काफी आसान कर दी गई है। अधिकांश राज्य सरकारों ने इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाने की सुविधा दी है।
म्यूटेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- रजिस्ट्री पेपर की कॉपी
- आधार कार्ड एवं पैन कार्ड
- खरीदार और विक्रेता दोनों की फोटो
- आवेदन पत्र (जोनल या तहसील ऑफिस से मिल सकता है)
प्रक्रिया:
- नजदीकी राजस्व कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- संबंधित अधिकारी द्वारा जांच के बाद स्वामित्व परिवर्तन किया जाएगा।
- म्यूटेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
यह प्रक्रिया आमतौर पर 7 से 15 कार्यदिवस में पूरी हो जाती है।
नई व्यवस्था के फायदे क्या होंगे?
इस नई प्रणाली से न सिर्फ अचल संपत्तियों का रिकॉर्ड दुरुस्त रहेगा, बल्कि जमीन से जुड़े विवादों में भी भारी कमी आएगी। म्यूटेशन अनिवार्य किए जाने से हर व्यक्ति अब रजिस्ट्री के बाद सरकारी रिकॉर्ड में भी स्वामित्व हासिल कर सकेगा।
फर्जीवाड़ा करने वालों की पहचान तुरंत हो सकेगी, और इससे जमीन की खरीद-फरोख्त अधिक पारदर्शी होगी। इसके साथ ही सरकार को भी राजस्व संग्रहण में सुविधा होगी, क्योंकि सही मालिक के रिकॉर्ड से टैक्स देना और लेना दोनों आसान हो जाएगा।
निष्कर्ष
2025 में भूमि से जुड़े नियमों में किया गया यह बदलाव आम नागरिक की जिम्मेदारी को बढ़ाता है। जमीन की रजिस्ट्री तो बस पहला कदम है, लेकिन असली मालिकाना हक तभी मान्य होगा जब म्यूटेशन भी समय से पूरा किया जाए।
जो लोग इन प्रक्रियाओं को हल्के में लेते हैं, उनके लिए यह नियम एक चेतावनी है। भविष्य में जमीन की खरीद-बिक्री में कोई परेशानी न हो, इसके लिए सभी को नए नियमों की जानकारी रखना और उसका पालन करना बेहद जरूरी है।