देश के छोटे व्यापारियों और स्व-नियोजित लोगों के लिए रिटायरमेंट का सबसे बड़ा सवाल हमेशा यह रहता है कि बुढ़ापे में आमदनी का साधन कहां से आएगा। इसी चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) फॉर ट्रेडर्स एंड सेल्फ-एम्प्लॉयड पर्संस शुरू की है। इस योजना के तहत लाखों व्यापारी अब अपने रिटायरमेंट के बाद भी हर महीने एक तय पेंशन पा सकते हैं, जो लगभग एक अच्छी सैलरी जैसी सुरक्षा देती है।
बीते वर्षों में व्यापारियों और स्वरोजगारियों ने देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया है, लेकिन इनकी सामाजिक सुरक्षा अक्सर कमजोर रही है। सरकार का उद्देश्य ऐसे व्यापारियों और दुकानदारों को सुरक्षित भविष्य देना है, ताकि 60 साल की उम्र के बाद उनकी आमदनी बनी रहे और वे सम्मान के साथ जीवन बिता सकें।
NPS For Traders 2025
नेशनल पेंशन स्कीम फॉर ट्रेडर्स एंड सेल्फ-एम्प्लॉयड पर्सन्स, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा शुरू की गई सरकार की एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इसके तहत छोटे दुकानदार, व्यापारी, ऑटो ड्राइवर, होटल मालिक, कमीशन एजेंट, राइस या ऑयल मिल मालिक, रिटेलर्स और अन्य स्वरोजगारी, जिनका सालाना टर्नओवर ₹1.5 करोड़ से कम है, वे भागीदारी कर सकते हैं।
इस योजना में शामिल होने वाले 18-40 वर्ष आयु के व्यापारी को 60 वर्ष तक एक निश्चित राशि हर माह जमा करनी होगी। यह राशि उम्र के अनुसार ₹55 से ₹200 प्रति माह निर्धारित है। जैसे ही प्रतिभागी 60 वर्ष के हो जाते हैं, उन्हें हर महीने ₹3,000 की पेंशन जीवनभर मिलती है। अगर व्यापारी का निधन हो जाए, तो उसकी पत्नी को जीवनभर 50% फैमिली पेंशन मिलती है।
योजना की मुख्य खूबियाँ
- स्वैच्छिक और अंशदायी योजना: व्यापारी खुदसे पेंशन फंड में योगदान करता है और उतनी ही राशि सरकार भी उसके खाते में जमा करती है।
- सरकार कीऔर से सुरक्षित पेंशन: Life Insurance Corporation (LIC) इस स्कीम का फंड मैनेजर है और पेंशन भुगतान का जिम्मा भी वही निभाता है।
- पात्रता शर्तें: 18-40 साल की उम्र, सालाना टर्नओवर ₹1.5 करोड़ से कम, किसी अन्य सरकारी पेंशन या EPFO/ESIC/PM श्रम योगी मानधन योजना में शामिल नहीं होना चाहिए।
- आसान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: नजदीकी CSC (Common Service Centre) पर आधार कार्ड और बैंक डिटेल्स के साथ जाकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
अंशदान तालिका (उम्र के अनुसार मासिक भुगतान)
उम्र (वर्ष) | मासिक अंशदान (₹) | सरकार का हिस्सा (₹) | पेंशन (60 वर्ष पर) |
---|---|---|---|
18 | 55 | 55 | 3,000/- |
25 | 110 | 110 | 3,000/- |
30 | 150 | 150 | 3,000/- |
35 | 200 | 200 | 3,000/- |
40 | 210 | 210 | 3,000/- |
नोट: यह कुछ उम्रों के लिए उदाहरण है; हर वर्ष की अंशदान राशि अलग-अलग होती है।
व्यापारी पेंशन योजना क्यों जरूरी है?
भारत की अर्थव्यवस्था में छोटे व्यापारियों और स्वरोजगारियों का योगदान 50% से भी अधिक है, लेकिन बुढ़ापे की गारंटी देने वाली व्यवस्था का अभाव रहा है। इस स्कीम के जरिए सरकार व्यापारियों को आर्थिक सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन की गारंटी दे रही है। इससे वृद्धावस्था में पैसों के लिए दूसरों पर निर्भरता खत्म होती है और व्यापारी अपना जीवन गर्व से जी सकता है।
यह योजना न केवल विपरीत परिस्थितियों में व्यापारियों और उनके परिवारों की मदद करती है, बल्कि परिवार की महिला सदस्य को भी सुरक्षा देती है। इसके अलावा, समयपूर्व मृत्यु की स्थिति में भी पूरे अंशदान का पैसा/ब्याज वापस पाने या पत्नी द्वारा योजना जारी रखने का विकल्प मिलता है।
रजिस्ट्रेशन और आवेदन की प्रक्रिया
- पात्र व्यापारी अपने नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर योजना में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
- आधार कार्ड, सेविंग/जन धन बैंक अकाउंट और IFSC कोड देना जरूरी है।
- पहली किस्त नकद जमा करें, आगे की सभी किस्तें बैंक अकाउंट से ऑटो-डेबिट के जरिये कटेंगी।
- नाम, उम्र, व्यवसाय, टर्नओवर, बैंक डिटेल्स, नामिनी और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है।
अगर किसी कारणवश मासिक भुगतान रुक जाता है, तो बकाया किस्तें और मामूली ब्याज के साथ योजना को दोबारा चालू किया जा सकता है।
योजना के फायदे व अन्य बातें
- कर्मचारी और सरकारी पेंशन से बाहर व्यापारियों व स्वरोजगारियों के लिए आसान व कम निवेश में पेंशन की व्यवस्था।
- life insurance corporation (LIC) द्वारा सुरक्षित पेंशन भुगतान।
- रजिस्ट्रेशन मुफ्त और प्रक्रिया आसान।
- अचानक मृत्यु होने पर पत्नी को 50% पेंशन।
- समय से पहले योजना छोड़ने पर जमा राशि/ब्याज वापस।
सारांश
एनपीएस फॉर ट्रेडर्स योजना से व्यापारी अब बड़ी सैलरी जैसी पेंशन पा सकते हैं। थोड़े-थोड़े निवेश से भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएं, और रिटायरमेंट के बाद भी सम्मान से जीवन बिताएं। आज ही नजदीकी CSC सेंटर से जुड़ें और अपने परिवार को सुरक्षित बनाएं।