RBI New EMI Rules 2025: ₹1000 EMI बढ़ी और 6% ब्याज दर का झटका – कर्जदारों के उड़े होश

Published On: August 5, 2025
RBI New EMI Rules

आज के समय में लाखों लोग अलग-अलग जरूरतों के लिए लोन लेते हैं—चाहे घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो, बच्चों की पढ़ाई के लिए या बिजनेस शुरू करने के लिए। EMI (ईएमआई) के जरिए हर महीने निश्चित रकम चुकानी होती है, लेकिन कई बार अचानक आर्थिक दिक्कत की वजह से EMI समय पर नहीं भर पाना आम बात हो जाती है। ऐसे में अब RBI के नए EMI नियम हर कर्जदार के लिए जानना जरूरी हो गया है।

2025 में रिजर्व बैंक ने EMI से जुड़े नियमों को बदलकर कर्जदारों के लिए कई नई शर्तें लागू की हैं। इन बदलावों का उद्देश्य निष्पक्षता, पारदर्शिता और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा है। लेकिन अगर आप लापरवाही करते हैं या समय पर EMI नहीं भर पाते तो नया नियम आपकी जेब पर सीधा असर डाल सकता है। इसलिए हर लोनधारक को इन नियमों की पूरी जानकारी रखना जरूरी है।

नए नियम हर तरह के लोनधारकों पर लागू होंगे—चाहे वो हाउसिंग लोन हो, पर्सनल लोन हो, एजुकेशन लोन हो या बिजनेस लोन। इससे बैंक, NBFC और डिजिटल लेंडिंग कंपनी सभी को अपने सिस्टम अपडेट करने होंगे और ग्राहकों को नई जानकारी देनी होगी.

RBI New EMI Rules 2025

रिजर्व बैंक ने 15 जून 2025 को EMI से जुड़े नियमों में एक अहम संशोधन किया। पहले, अगर कोई EMI देर से जमा होती थी तो उस बकाया रकम पर बैंक 1.5% से लेकर 3% तक अतिरिक्त पेनल्टी या पेनल इंटरेस्ट वसूलते थे। इससे कर्जदारों पर बिना वजह आर्थिक बोझ बढ़ जाता था, खासकर उन लोगों पर जिनकी आमदनी नियमित नहीं है।

अब नया नियम कहता है कि किसी भी तरह के लोन पर लेट EMI भरने पर पेनाल्टी या पेनल इंटरेस्ट नहीं लिया जाएगा। बैंक और NBFC को अपनी सभी पॉलिसियों और डिजिटल सिस्टम में यह बदलाव करना होगा। यह नियम पर्सनल, होम, ऑटो, एजुकेशन, बिजनेस, गोल्ड आदि सभी लोन पर लागू होगा, जिससे करोड़ों ग्राहकों को राहत मिलेगी.

इस नियम के बाद बैंक ग्राहकों को ज्यादा सपोर्टिव और ट्रांसपेरेंट तरीके से डील करेंगे। यानी, अगर वाकई इमरजेंसी या परेशानी है तो बैंक ग्राहकों को रिपेमेंट की वैकल्पिक सुविधा या ग्रेस पीरियड दे सकते हैं।

पुराने व नए नियम में बड़ा फर्क – टेबल देखिए

लोन प्रकारपहले लेट EMI पर पेनाल्टी (15 जून 2025 से पहले)नया नियम (15 जून 2025 के बाद)
पर्सनल लोन2% बकाया EMI पर0%
होम लोन1.5% बकाया EMI पर0%
ऑटो लोन2% बकाया EMI पर0%
बिजनेस लोन3% बकाया EMI पर0%
एजुकेशन लोन1% बकाया EMI पर0%
गोल्ड लोन2.5% बकाया EMI पर0%
टू-व्हीलर लोन2% बकाया EMI पर0%
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स1.5% बकाया EMI पर0%

नोट: बैंकों को अब प्रत्येक ग्राहक को EMI भुगतान में देरी होने पर तुरंत सूचित करना होगा और व्यवस्था इतनी पारदर्शी रखनी है कि ग्राहक को पूरी डिटेल मिले.

नए नियम का कर्जदारों पर क्या असर पड़ेगा?

इस बदलाव के बाद सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो व्यापार, खेत-खलिहान, मजदूरी या फ्रीलांस जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं और जिनकी आमदनी अनियमित रहती है। अब अगर उधर से थोड़ी देर भी EMI छुट जाती है, तो पहले जैसी भारी पेनल्टी से बचाव हो जाएगा। ये नियम ऐसे लोगों को फाइनेंशियली सांस लेने की जगह देगा और मानसिक दबाव कम करेगा।

हालांकि, EMI समय पर जमा करना अब भी जरूरी है, क्योंकि अगर बार-बार देरी होती है तो बैंक क्रेडिट हिस्ट्री पर असर डाल सकते हैं और भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बैंक ग्राहकों को समय पर सुप्त जानकारी भेजेंगे, अलर्ट देंगे और ऋण वसूली में मानवीय रवैया अपनाएंगे.

डिजिटल व ऐप आधारित लोनों के भी नए कड़े नियम

2025 में RBI ने डिजिटल लोन देने वाली कंपनियों के लिए भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हर डिजिटल लेंडिंग ऐप पर ऑफर के साथ केवाईसी, ब्याज दर, EMI, फीस, कस्टमर सपोर्ट—हर डिटेल देखने को मिलेगी। ग्राहक बिना छुपी शर्तों के पारदर्शिता के साथ लोन ले पाएंगे और लोन रिवाइजिंग, लिमिट बढ़ाने या डेटा साझा करने के लिए उनकी अनुमति लेना अनिवार्य होगा.

हर ग्राहक को केवाईसी के साथ Key Fact Statement (KFS) यानी महत्वपूर्ण जानकारी वाला डॉक्युमेंट दिया जाएगा, जिसमें हर फीस, ब्याज, EMI और कुल खर्च अंकित होगा। इससे डिजिटल धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी.

बैंक और NBFC ने क्या बदलाव किए?

बैंकों और एनबीएफसी को अब अपना कोर सिस्टम बदलना होगा ताकि किसी भी बकाया EMI पर ओवरचार्ज न किया जा सके। लोन एग्रीमेंट के पुराने नियमों को अपग्रेड करना अनिवार्य है और नए कस्टमर सपोर्ट स्टाफ को इन नियमों की ट्रेनिंग देनी होगी ताकि ग्राहक को सही जानकारी और सपोर्ट मिल सके.

अब बैंक की वसूली पॉलिसी में कड़क रवैये की जगह मानवीय सोच के साथ समाधान देने का जोर रहेगा, जिससे ग्राहक व बैंक दोनों का रिश्ता मजबूत हो। साथ ही बैंक ग्राहकों को समय-समय पर लोन रीपेमेंट की लीगल व फाइनेंशियल सलाह देते रहेंगे।

सरकार और RBI का उद्देश्य

RBI का यह कदम सीधे उपभोक्ताओं के हित में लिया गया है ताकि बैंकों की ज्यादती बंद हो और आम आदमी को अपने-अपने हालात के अनुसार कामकाज में सहूलियत मिले। RBI उपभोक्ता संरक्षण और जिम्मेदार लेंडिंग पर जोर देने के लिए लगातार यही सोच आगे बढ़ा रहा है.

सरकार का भी लक्ष्य यही है कि फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी हर वर्ग तक बैंकिंग सुविधाएं सुरक्षित, स्पष्ट और सस्ती दर पर पहुंचे।

संक्षिप्त सार

2025 के RBI के नए EMI नियमों ने कर्जदारों को लेट EMI पर भारी-भरकम पेनल्टी से राहत दी है। अब समझदारी से EMI भरें, नियमों की जानकारी लें और जिम्मेदार उपभोक्ता बनें। बैंक और RBI कर्जदारों के संरक्षण के लिए अब पहले से ज्यादा सक्रिय हैं।

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